सरल सम्वाद SIMPLE DIALOG
विभूतियोग / Vibhutiyog
10-02
परब्रह्मा सभी प्राणियों देवता महर्षि आदि का आदिमूल है |
The smallest quanta of electromagnetic wave energy called photon is the origin of all beings, wise yogis etc.
10-03
जो मनुष्य ब्रह्मा को अजन्मा अनादि, सभी स्थूल भौतिक पदार्थ, सूक्ष्म अभौतिक भावात्मक अव्यक्त मानस तत्वों का महेश्वर जानता है, वही मोहित ज्ञानी पापमुक्त है |
One who knows energy as unborn, eternal, Maheshwar(root element) of all physical material substances, smallest unmanifest element, that wise man is free from sin.
10-11
ब्रह्मा भक्तों पर अनुग्रह करने हेतु ब्रह्मा उनके आत्मा में प्रविष्ट कर तेजस्वी ज्ञानदीप से अज्ञान रूपी अंधकार को नष्ट करता है | कर्मयोग की जिज्ञासा होने पर आचरण करने से जिस प्रकार पूर्ण सिद्धि की ओर मनुष्य खिंचा चला आता है, वही स्थिति परमस्वरूप के सतत स्मरण और ध्यान से भी प्राप्त होती है |
To show grace to the devotees seeking knowledge about energy, energy in the form of knowledge destroy the darkness of ignorance as they know about their soul/conscious ,upper kind nature of energy The way a man is drawn towards complete enlightenment by acting(working) as a Karmayogi(selfless practical physical work), the same situation/enlightenment is also achieved by constant remembrance and meditation( theoretical thinking work) about energy.
10-41
ब्रह्मा अपने एक ही अंश-मात्र से संपूर्ण जगत की विशेष रूप से ढृढता-पूर्वक धारण करके स्थित है |
A very small percentage of all energy in universe only makes up the physical world, the rest are in their pure electromagnetic wave energy free form.
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